अंगुलबेढ़ा, पैर के अंगूठे की सूजन का होम्योपैथिक दवा | Homeopathic Treatment For Bunions In Hindi

एक अंगुलबेढ़ा एक दर्दनाक रोग है जो बड़े पैर के जोड़ के अंदर विकसित होता है। अंगुलबेढ़ा धीरे-धीरे विकसित होते हैं। इसमें समय के साथ, हड्डी की सामान्य संरचना में परिवर्तन होता है, जिसके परिणामस्वरूप अंगुलबेढ़ा की गांठ बन जाती है। यह विकृति धीरे-धीरे बढ़ती है और जूते पहनने या चलने में दर्द कर सकती है। अंगुलबेढ़ा के ऊपर की त्वचा लाल और गर्म हो सकती है।

किसी को भी अंगुलबेढ़ा हो सकता है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक आम हैं। कई महिलाएं तंग, संकीर्ण जूते पहनती हैं, जो पैर की उंगलियों को एक साथ निचोड़ते हैं – जो कि अंगुलबेढ़ा के विकास, बिगड़ने और दर्दनाक लक्षणों का कारण बनता है।

अंगुलबेढ़ा कैसे विकसित होता है, इसके बारे में कई सिद्धांत हैं, लेकिन सटीक कारण अज्ञात है। संभावित कारकों में शामिल हैं:

  • इनहेरिटेड पैर
  • पैर में चोट
  • जन्म के समय मौजूद विकृतियाँ (जन्मजात)

विशेषज्ञ इस बात से असहमत हैं कि क्या तंग, ऊँची एड़ी या बहुत संकीर्ण जूते अंगुलबेढ़ा के कारण हैं या क्या केवल जूते अंगुलबेढ़ा के विकास में योगदान करते हैं।
अंगुलबेढ़ा गठिया के कुछ प्रकारों से जुड़ा हो सकता है, विशेष रूप से भड़काऊ प्रकार, जैसे संधिशोथ

अंगुलबेढ़ा के लक्षण

  • अपने बड़े पैर के अंगूठे के आधार पर बाहर की ओर उभरी हुई गांठ
  • आपके बड़े पैर के जोड़ के आसपास सूजन, लालिमा या खराश
  • कॉर्न्स या कॉलस – ये अक्सर विकसित होते हैं जहां पहले और दूसरे पैर की उंगलियां ओवरलैप होती हैं
  • लगातार या रुक-रुक कर दर्द होना

इन कारकों से आपके अंगुलबेढ़ा का खतरा बढ़ सकता है:-

ऊँची एड़ी के जूते – ऊँची एड़ी के जूते पहनने से आपके पैरों के सामने आपके पैर की उंगलियों को मजबूर किया जाता है, जो अक्सर आपके पैर की उंगलियों को भार देता है।
ज्यादा फिटिंग के जूते – ऐसे लोग जो जूते पहनते हैं, वे बहुत तंग होते हैं, बहुत संकीर्ण या बहुत नुकीले होते हैं, जो अंगुलबेढ़ा के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
रूमेटाइड गठिया – इस भड़काऊ स्थिति के होने से आप अंगुली के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
वंशागति – अंगुलबेढ़ा विकसित करने की प्रवृत्ति विरासत में मिली संरचनात्मक और पैर की खराबी के कारण हो सकती है।

अंगुलबेढ़ा ( पैरों का ) ( Bunions ) पैर के अंगूठे की सूजन का होम्योपैथिक दवा

यह अवस्था पुरूष की तुलना में स्त्री में दस गुना अधिक पाई जाती है । इसमें बड़े अंगूठे व अन्य उंगलियों की संधि में पीड़ापूर्ण वृद्धि होती है । संभवतः यह खराब फिटिंग वाले जूतों को पहनने के कारण होता है ।

बेंजोइकम एसिडम 30 : बड़ी उंगली के अंगुल बेढ़ा में विदीर्णकारी पीड़ा । यह औषधि तब प्रयोग की जा सकती है जब मूत्र कड़वे बादाम की कड़वी गंधयुक्त होता है । यह गंध सम्पूर्ण कक्ष में अनुभव की जा सकती है ।

हाइपेरिकम 3X : अंगुलबेढ़ा के साथ झुनझुनी व जलनकारी पीड़ा । यह औषधि अंगुलबेढ़ा की पीड़ा घटाने में सहायता करती है ।

रोडोडेन्ड्रान 30 : बड़ी उंगली, विशेषकर अंगुली की गठिया वाली सूजन । तूफान, आर्द्र मौसम से पूर्व पीड़ा बदतर हो जाती है ।

अंगुलबेढा ( नाखून ) हाथों का ( Whitlow ) का होम्योपैथिक दवा

लीडम पेल 200 : उंगली के सिरे पर व्रण कांटे अथवा सुई से उत्पन्न । यह औषधि इलाज ही नहीं करती है बल्कि ऐन्टिटिनेस की भान्ति कार्य करती है ।

Myristica sebifera 30 : यह प्रायः Hepar sulph तथा साइलीशिया की अपेक्षा अधिक तीव्रतापूर्वक कार्य करती है । यह अंगुलबेढ़ा पर विशिष्ट क्रिया करती है । यह मवाद बनने की अवधि को कम करती है तथा चाकू की आवश्यकता को दूर करती है ।

साइलीशिया 30 : यदि शीघ्र ही निर्देशित की जाये तो प्रायः अंगुलबेढ़ा की वृद्धि को रोक देती है ।

अंगूठा ( Thumb ) में पीड़ा, दर्द का होम्योपैथिक दवा

बोरेक्स 30 : अंगूठे में पीड़ा । अंगूठे के सिरे में स्पंदनकारी पीड़ा में दें।

नेट्रम म्यूर 1M : बच्चे को अंगूठा चूसने की पुरानी आदत होती है प्रत्येक 15 दिन पर दोहराए।

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