इस लेख में स्टेरॉयड लेने से होने वाली समस्या किन होम्योपैथिक दवाओं से ठीक किया जाता है, इसके बारे में बताया है :-
स्टेरॉयड सिन्थेटिक या मानव निर्मित ऐसी दवाएं हैं जो शरीर में बनने वाली प्राकृतिक हार्मोन जैसे गुण रखती है। आजकल दो तरह के स्टेरॉयड जोकि ज्यादातर इस्तेमाल किये जाते हैं वो हैं कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और दूसरा एनाबोलिक एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसे कि कोर्टिसोन, वे दवाइयां हैं जो डॉक्टर सूजन को नियंत्रित करने में इस्तेमाल करते हैं।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स उन हार्मोन के समान होते हैं जो हमारी एड्रेनल ग्रंथियां बीमारियों और चोटों से जुड़े तनाव से लड़ने के लिए शरीर में प्राकृतिक रूप से बनती हैं।
इसलिए, जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक स्टेरॉयड की उच्च खुराक लेता है, तो मस्तिष्क कोर्टिसोल उत्पादन को कम या बंद कर सकता है। मस्तिष्क को पता लगता है कि बाहर से कोर्टिसोल मिल ही रहा तो वो कोर्टिसोल की उत्पादन या तो कम या बंद ही कर देता है। अब जब कोर्टिसोन जैसी दवाएं हम बंद करते हैं तब समस्या उत्पन्न होती है और पहले से भी ज्यादा समस्या बिगड़ जाती है।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल, आर्थराइटिस, आस्थमा, ऑटो इम्यून डिजीज, एक्ज़िमा, सोरायसिस जैसी बीमारियों में की जाती है।
Video On steroid Side Effects
एनाबॉलिक स्टेरॉयड के बारे में देखें तो –
एनाबॉलिक स्टेरॉयड सिंथेटिक हार्मोन हैं जो मांसपेशियों का उत्पादन करने और मांसपेशियों के टूटने को रोकने और शरीर की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है। एनाबॉलिक स्टेरॉयड टेस्टोस्टेरोन के समान ही रासायनिक संरचना रखते हैं और मांसपेशियों के उत्तक के उत्पादन में वृद्धि का काम करते है।
एनाबॉलिक स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव को देखें तो –
मुहाँसे हो सकते हैं, गाइनेकोमेस्टिया की समस्या अर्थात पुरुष के स्तन में वृद्धि हो सकती है, सेक्सुअल समस्या जैसे नपुंसकता हो सकती है, फ्लूड रिटेंशन की परेशानी हो सकती है, बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।
अब ज्यादा समय ना लेते हुए मैं होम्योपैथिक दवा की चर्चा करूँगा कि स्टेरॉयड के अत्यधिक प्रयोग के कुप्रभाव को दूर करने के लिए कौन-कौन दवा है।
Cortisonum 200 – कार्टिसोन जोकि सूजन को नियंत्रित करने के लिए दी जाती हैं, अगर कार्टिसोन दवा का साइड इफ़ेक्ट आया है तो इसका प्रतिरोधी दवा है Cortisonum , इसकी 200 शक्ति का हफ्ते में एक बार इस्तेमाल करने से कार्टिसोन स्टेरॉयड का कुप्रभाव खत्म हो जाता है।
Calcarea phos 6x – वे लोग जो स्टेरॉयड का लम्बे समय तक इस्तेमाल किये हैं, उन्हें ऑस्टिओपोरोसिस होने का खतरा होता है, या अगर ऑस्टिओपोरोसिस हुआ भी है तो Calcarea phos 6x की 4 गोली मुँह में ले कर चूसना है, दिन में 3 बार।
Orchitinum 1M – टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने के लिए जिन्होंने एनाबॉलिक स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल किया है, और उन्हें उसका साइड इफेक्ट दिखने लगा है तो वे Orchitinum 1M की 2 बून्द हर 15 दिन पर लें।
Baryta Phos 200 – जब स्टेरॉयड के इस्तेमाल से युवा की वृद्धि रुक जाये तो इसका इस्तेमाल करना है। 2 बून्द डेली एक बार सुबह दें।
Chelidonium Q – जब स्टेरॉयड के भारी प्रयोग से लिवर में समस्या उत्पन्न हो जाये या घमनियाँ कठोर हो जाये तो आपको Chelidonium Q की 10-15 बून्द आधे कप पानी में डाल कर दिन में 3 बार पीना है।
Oophorinum 1M – फीमेल सेक्स हॉर्मोन से बने स्टेरॉयड के कुप्रभाव को दूर करने के लिए Oophorinum 1M की 2 बून्द 15 दिन में 1 बार लेना है।
Hyoscyamus 30 – जब स्टेरॉयड के इस्तेमाल से रोगी सभी को शक के नज़र से देखने लगे, परिवार के सदस्य को भी शक के नज़र से देखने लगे तो उसे Hyoscyamus 30 की 2 बून्द सुबह और शाम दें।